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शब्द नहीं, संसार है माँ
शब्द नहीं, संसार है माँखुद में ही त्योहार है माँ।हो गरीब या अमीर कीएक पवित्र प्यार है माँ।दुख, सुख, फिक्र, सब्ररात, दिन इन्तजार है माँ।गुस्सा, झिड़क, चिंता, खुशीलाड़ ओ पुचकार है माँ।अच्छा, बुरा, पसंद, नापसंदबच्चों की जानकार हैं माँ।लोरी, थपकी, मान, मनौवलडांट और फटकार है माँ।घर में सब अभिनय करतेसबसे अहम किरदार है माँ। ~…