Category: कविताएं

  • माँ शक्ति दे

    माँ शक्ति दे

    माँ शक्ति दे, माँ भक्ति दे, माँ मन में अनुराग दे, माँ प्रीति ऐसी जगा दे। आया है जो संकट, उसे टाल दे, निकाल दे, माँ देश को खुशहाल दें। हे अनंता, जग तारन माँ अपनी दया का प्यार दे। हमें शुद्धि दे, हमें बुद्धि दे, हमें तू दया का सार दे। हम कर रहे…

  • कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष

    कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष

    शिक्षा से रहे ना कोई वंचित संग सभी के व्यवहार उचित रहे ना किसी से कोई कर्ष कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष भले भरत को दिलवा दो सिंहासन किंतु राम भी वन ना जायें सीता संग सबको समान समझो सहर्ष कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष मिलें पुत्रियों को उनके अधिकार पर ना हों…

  • आई नवरात्रि

    आई नवरात्रि

    भारत देश की शान है, त्योहारों पर अभिमान है। संस्कृति हमारी सर्वोच्च रहे, यही तो एक पहचान है। इस देश में देवी पूज्य रहें, और देवों का सम्मान है। नव दिन की इस नवरात्रि में, कन्या ही पूज्य-मान है। सभी धूम से इसे मनाते हैं, नव देवी को सब बुलाते हैं। कलकत्ता से ये चली…

  • धन्यवाद! कोरोना योद्धाओं

    धन्यवाद! कोरोना योद्धाओं

    5 बजे 5 मिनट की धन्यवाद मुहिम पर मेरी एक छोटी सी कोशिश। बहुत बहुत धन्यवाद हमारे डॉक्टर्स का, हमारे पुलिस कर्मियों का, हमारे सेना के जवानों का और उन सभी लोगों का जो इस जटिल समय में अपनी जान दांव पर लगा कर हम सब को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जब तक…

  • कोरोना के योद्धा

    कोरोना के योद्धा

    कलमकार मनोज मनुजी कोरोना के चन्द शब्द कोरोना के योद्धाओं पर … मुरझाई सी लगती है हर कली क्यों आज हमको, खामोशियाँ ये शहर की कह रही कुछ आज हमको। ठहरा ठहरा सा ये मंजर, ये फिजा की बदमाशियाँ, सन्नाटा बुनती सी लगती है हर गली क्यों आज हमको। ये माना कि अंधेरा घना है…

  • कोरोना फैला सारे जगत में, मुश्किलें हमारी बहुत

    कोरोना फैला सारे जगत में, मुश्किलें हमारी बहुत

    यूं तो देखे थे सभी, इस संसार में महामारी बहुतहर दौर में दौरों का गुज़र है, मौत की सवारी बहुत हैजा प्लेग आदि सीमित रहे है, किसी भी मुल्क मेंकोरोना फैला सारे जगत में, मुश्किलें हमारी बहुत नहीं दवा है इस सितम की, ख़ुद रहो महफूज़ तुमजो ज़रा लापरवा हुआ तो, रह जायेगी लाचारी बहुत…

  • कोरोना से लड़ना है

    कोरोना से लड़ना है

    अनुरोध, आप सबसे करती हूँ मैं भी घर में, बैठी हूँ दिन-रात, डाक्टर-नर्स है काम में लगे सही समय पर खा तक, नहीं पा रहे वे। पुलिसकर्मी दिन-रात लाठी चार्ज करते, क्या तुम सबमें, समझ न थोडी़ भी है आज भी लापरवाही है जान जब जोखिम में है क्या कोई कर्तव्य ना तुम्हारी है। जनता…

  • फिर से साथ निभाएं हम

    फिर से साथ निभाएं हम

    कलमकार विजय कनौजिया जी कहते हैं कि थोड़ी देर के लिए यादों में खो जाइए या फिर कुछ पुरानी बातें दोहराइए आपको सुकून जरूर मिलेगा। प्रेम के पल, उनका साथ, अनेक छोटी बड़ी यादें हमेशा साथ रहते हैं। चलो चलें उस प्रेम गली में शायद फिर दिख जाएं वो यादें फिर ताज़ा हो जाएं दिल…

  • कोरोना से नहीं डरना

    कोरोना से नहीं डरना

    कोरोना से नहीं डरना बस ये ध्यान रखना न तो गले लगाना न ही आपस मे चूमना बस दोनो हाथ जोड़ के दूर से नमस्कार ही करना पुरानी संस्कृति देश वाली भारतीयता का पालन ही करना। जीवों पर दया करना मांसाहार से दूर रहना पिज्जा बर्गर तो तुम अभी न खाना पाश्चात्य संस्कृति को न…

  • दूर से करो राम-राम

    दूर से करो राम-राम

    करोना वायरसके संक्रमण से बचाव के लिए ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ और घर पर ही रहना बहुत जरूरी हो गया है। हाथ मिलाना दूर हुआ, दूर से करो राम-राम वरना करोना कर देगा हमारा आपका राम-नाम। चाइना का यह माल घुम रहा गली बाजार इस बार खूब घिस-घिस कर चल रहा बस यही समाचार। भुल से न…

  • कोरोना डर गया, इंडिया के गलियारों से

    कोरोना डर गया, इंडिया के गलियारों से

    इमरान सम्भलशाही की एक व्यंग्य रचना, जो कहतें हैं कि हमारी प्रतिक्रियाओं से कोरोना भी दर गया। किन्तु हम सभी को सजग रहने की आवश्यकता है। हुंकार दे दिया, कुर्ता संग पहना जॉकी हैगिलास सज़ गई, देखो दूर खड़ा साकी है बापू चल दिए, अम्मा संग बचवा साथी हैआभार दे दिया, देखो खड़ी बूढ़ी काकी…

  • नए साल का नया सवेरा

    नए साल का नया सवेरा

    नए साल का नया सवेरा खुशियों से भर जाए दुःख की काली रात कभी लौट न वापस आए। सुख-समृद्धिऔरआनंद से घर- आंगन भर जाए नए अनुभवों के नए रंग से जीवन यह रंग जाए। सूरज की नई किरणें नित आश नई जगाएं फूलों की तरह हर सपना सच हो के मुस्काए। कामयाबी के फूल खिलें…

  • नववर्ष तुम्हारा स्वागत है

    नववर्ष तुम्हारा स्वागत है

    हे सृष्टि के प्रथम दिवस! नववर्ष तुम्हारा स्वागत है बीत गया है वर्ष पुराना नूतन की तैयारी है जो बीता जैसा बीता स्वर्ण समय की बारी है मातृभूमि हमारी भगवन, जग में निर्मल परिभाषित है नव वर्ष तुम्हारा.. मन को दृढ़ निश्चय कर आशाओं का संकल्प करें प्रथम दिवस की प्रथम किरण प्रगति मार्ग को…

  • जनता कर्फ्यू

    जनता कर्फ्यू

    कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनज़र देश में जनता कर्फ्यू की घोषणा की गई। सभी नागरिकों को अपने घरों में रहकर जनता कर्फ्यू को सफल बनाना है ताकि कोरोना संक्रमण रोका जा सके। देश हित में आया आह्वान, जनता कर्फ्यू, जनता कर्फ्यू, सब लोग करे एकांतवास, जीवन में करे फिर से विश्वास। अब मिलना जुलना…

  • उजाड़ दोगे बस्तियां

    उजाड़ दोगे बस्तियां

    कोरोना वायरस जिस तरह पूरे विश्व मेन मानव जाति को क्षति पहूँचा रहा है, उस पर कलमकार देवकरण गंडास “अरविन्द” चिंतित हैं और कहते हैं की तुम तो बस्तियां ही उजाड़ दोगे। धमा चौकड़ी खूब हो गई और खूब कर ली मस्तियां, अब अगर तुम घर ना रुके तो तुम उजाड़ दोगे बस्तियां। कोरोनो की…

  • माँ की जय-जयकार करें

    माँ की जय-जयकार करें

      चलो चलें माँ के आँचल में ममता का दीदार करें कदमों में हम शीश झुकाकर माँ की जय-जयकार करें..।। माँ कल्याणी दुःख हर लेंगी ममता के आशीषों से सबका जीवन सुखमय होगा माँ का अब गुणगान करें..।। नौ दिन माँ के नवों रूप का उत्सव पर्व मनाएंगे सबकी हो पूरी अभिलाषा अर्पण पुष्पों का…

  • मां से अरदास

    मां से अरदास

    अब नवरात्रि की पावन बेला में हम सब माता का ध्यान लगाएं, अरदास करें मिलकर हम मां से इस रोग से हमको मुक्ति दिलाएं। फैल रखा है जो विषाणु देश में उस पर भी विजय हम पा लेंगे, करें पूजा वंदना घर पर रहकर नव रात्रि में हम बाहर ना जाएं। मां सुनेगी हमारी हर…

  • ठहर रहा ना कोरोना

    ठहर रहा ना कोरोना

    कोरोना वायरस से पूरी दुनिया परेशान है और इससे बचाव के लिए सब अपने घरों में अकेले रह रहें हैं। लोगों से दूरी बनाना अनिवारी हो गया है, यही सब माहौल देखते हुए कलमकार इमरान संभलशाही ने अपने विचार इस कविता में लिखे हैं। बन्द पड़ा हूं ससुरा, घर में इकदम सोते, जागते हाय! दूर…

  • आन उबारो महावीर

    आन उबारो महावीर

    कोरोना महामारी से मुक्ति पाने के लिए प्रार्थनाएँ भी कि जा रहीं हैं। कलमकार राज शर्मा ने एक कविता में अपनी विनती को लिखा है। प्रथम सुमिरौ श्री राम को, दूजे विराट हनुमान को। संकट विकट प्रभु जानके, आन उबारो जगत को।। इतिहास साक्षी मारुति का, सहज करें सब काज । आन उबारो महावीर अब,…

  • आज से इक्कीस दिन लॉक डाउन

    आज से इक्कीस दिन लॉक डाउन

    आज से इक्कीस दिन लॉक डाउन कोरोना पर शुरू हुआ कम डाउन सिंगापुर जैसे देशों से लिया अनुभव सामाजिक दूरियों से ही होगा संभव प्रधानमंत्री के इस फैसले को माने घर से बाहर नहीं निकलने का ठाने दुनिया में फैले महामारी से बचना है हमें अपने घर में ही बचकर रहना है इटली को देखकर…