वो मासूम चेहरा

हर चेहरा खूबसूरत होता है, फर्क सिर्फ नज़रों का होता है। कई चेहरे आकर्षित किया करते हैं, कलमकार खेम चन्द एक विशेष चेहरे पर अपनी कल्पना से कुछ पंक्तियाँ हमारे समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। लिखता हूँ और मन कहता…

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लोग एहसानों को भूल जाते हैं

धोखा, छल, कपट और विश्वासघात जैसी प्रकृति इंसानों की फितरत होती है। इसी श्रृंखला में एहसान-फरामोशी भी है, हम लोग अक्सर एहसानमंद होने के बजाय एहसानों को भूल जाते हैं। अमित मिश्र ने इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए…

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कुछ लफ्ज़

खेम चन्द ने अपने मन में उठने वाले विचार, सवाल और भाव को शब्दों में गूंथने का प्रयाश किया है। इस मंथन को वे अपनी एक नज्म में पेश करते हैं- कुछ लफ्ज़। रूठ कर तू भी जिन्दगी सांसों के…

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कंधो पे अपने तुम मुझे सोने दो

थकान का एहसास होने पर आराम करने का मन करता है। कलमकार खेम चन्द ने अपनी कविता में लिखा है कि कभी-कभी थकान मिटाने के लिए प्रियजन के कंधों की आवश्यकता पड़ती है। कंधो पे अपने तुम मुझे सोने दो…

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खुदकुशी

जीवन में संघर्ष करना बेहद जरूरी है, इससे छुटकारा पाने के लिए जीवन का अंत करना जघन्य अपराध है। हमें सदैव प्रयासरत रहना चाहिए- कलमकार राहुल प्रजापति ने कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं आप भी पढें। लोग मौत को आसान समझते…

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ताकती पुस्तकें

किताबों में अद्भुत शक्ति होती है, अपार ज्ञान का भंडार उनमें समाहित होता है। कलमकार खेम चन्द बताते हैं कि कि इन ताकतवर पुस्तकों के जरिए हम न जाने कितनी अच्छी बातें सीख सकते हैं। पड़ी रहती है अब वो…

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समाज के रंग

समाज में ही हम पलते बढ़ते हैं, बहुत कुछ सीखने का मौका भी पाते हैं। किंतु कभी-कभी समाज आपको ताने सुनाता है और उंगली भी उठाता है, ऐसा ही अनुभव समीक्षा ने अपनी कविता में साझा किया है। एक आगाज़…

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वसुन्धरा भी रोई

विकास के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों और धरती माता को जो क्षति पहुँचायी जा रही है उसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है। अब वक्त आ गया है कि हम सभी इस ओर ध्यान केंद्रित करें। खेम चन्द ने अपना…

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एक इत्तिफ़ाक़

कई फ़साने इत्तिफ़ाक़न बन जाते हैं। इत्तिफ़ाक़ की दास्ताँ रज़ा इलाही ने अपनी नज्म में पेश की है, आप भी पढकर अपनी राय वयक्त कीजिये। किताबों का गिरना भी एक अजब इत्तिफ़ाक़ था जैसे खुल गया कोई सफ़्हा जु-ए-हयात का…

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प्रदूषण और बच्चे

आजकल देश में बढ़ते प्रदूषण ने सभी को परेशान कर रखा है, परंतु इसका कारण भी हम ही हैं। कलमकार नीरज इस समस्या पर लिखते हुए बच्चों की मुश्किल को रेखांकित किया है। प्रदूषण का समाधान खोजना और स्वच्छ परिसर रखना हमारी…

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दुःखी हैं अन्नदाता

कुमार किशन कीर्ति किसानों की समस्या अपनी कविता में बता रहे हैं। भारत किसानों का देश है और किसान को अन्नदाता कहा जाता है। किंतु ऐसे किसान जो व्यापारी नहीं है, उनकी दशा दयनीय है। माथे पर पसीना है शरीर…

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आँसू वसुन्धरा के

प्रकृति ईश्वर की सबसे अनूठी देन है और जीवन का हिस्सा है, इसका संरक्षण हमारा कर्तव्य है। हमारे द्वारा इसे कितनी क्षति पहुंचाई जा रही है यह सभी को भलीभांति ज्ञान है। कलमकार खेम चन्द अपनी कविता के माध्यम से…

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दिवाली के बाद का सूनापन

दीपों का महापर्व दिवाली के त्योहार मनाने के लिए हर किसीका मन अनेक खुशियों भर जाता है, लोग अपने परिवार के साथ मिलजुलकर इसे हर्षोल्लास के साथ मानते हैं। कलमकार भवदीप के अनुसार यह खुशी सिर्फ़ दो दिन की होती…

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मिट्टी के दीये

नीरज ने इस कविता में इंसान को उजाला फैलाने वाले दीपों का निर्माता/कुम्हार बनने की राय दी है। कहने का भाव है कि हमें ऐसे कर्म करने चाहिए जिससे दुनिया प्रकाशमय होती रहे। कुम्हार बना मिट्टी से, मिट्टी के दीये…

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कितने अमीर कितने गरीब धर्म हमारे

हम आज कितने भी आधुनिक हो गए हों किन्तु जात-पात के मुद्दों से जुड़े रहते हैं। कलमकार खेम चन्द ने इसे बड़ी समस्या बताते हुए कविता के माध्यम से अपना मत प्रकट किया है। आखिरकार हम सब एक हैं और…

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सत्य

हम विकास कार्य में न जाने कितना विनाश कर देते हैं और कहते हैं कुछ पाने के लिये कुछ खोना पड़ता है। कलमकार विराट गुप्ता ने लिखते हैं कि हम इन्सानों द्वारा प्रकृति को कितना कष्ट दिया जा रहा है…

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विवाह के निमंत्रण पत्र पर लिखे जाने वाले सुंदर दोहे

एक विघ्न हरण मंगल करण, गौरी पुत्र गणेश।प्रथम निमंत्रण आपको, ब्रह्मा विष्णु महेश।१। भेज रहे है स्नेह निमंत्रण, प्रियवर तुम्हे बुलाने को।हे मानस के राज हंस तुम, भूल ना जाने आने को।२। गंगा की आंचल से, सुर-सरिता की धार रहे।सफल…

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फिर आना सावन

सावन की बारिश हम सभी के लिए जीवनदायी होती है, किंतु यदि बरसात ज्यादा हो जाए तो प्रकोप साबित होती है। कलमकार खेम चन्द ने अपने अनुभव से सावन में आने वाली विपदाओं को सहने और समाधान पर चर्चा की…

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मेरी प्रियतमा

इश्क के शुरुआती दिनों में बड़ी कशमकश सी रहती है, डर के साथ-साथ बहुत कुछ बताना और जानना होता है। कुमार किशन कीर्ति ने अपनी एक रचना (मेरी प्रियतमा) प्रस्तुत की है जो 'इश्क की राह' से प्रेरित है। ओ…

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