ऐसा करो, ऐसा करो

देवरिया से कलमकार डॉ. कन्हैया लाल गुप्त अपने बचपन और बीते दिनों को याद करते हुए कुछ पंक्तियाँ लिखते हैं जो उनके संघर्ष को भी बयान करतीं हैं। वे अपने गाँव 'भाटपार रानी' का भी ज़िक्र करते हैं, आइए उनके…

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एक बुराई- छोड़ दूं

समाज में अनेक बुराईयां भी हैं जिनका शिकार सभी बनते हैं और उससे लड़ने का प्रयास हर इंसान करता है। इन सबसे लड़ते हुए जब व्यक्ति का हौसला टूटने सा लगता है तो वह यह लड़ाई छोड़ने की बात सोचता…

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तन्हाई

अकेलापन क्या होता है, इससे कैसे गुजरना होता है? यह तन्हाई का शिकार हुआ व्यक्ति ही बता सकता है। कलमकार राजेश शर्मा पुरोहित जी ने इसे समझाने के लिए एक कविता प्रस्तुत की है। जुदाई का दुख तुम क्या जानो…

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बच्चों की खुशी

माता-पिता बच्चों की खुशी के लिए न जाने कितना परिश्रम करते हैं। वे हर हाल में उनकी इच्छा पूरी करना और मुस्कुराते हुए देखना चाहते हैं। कलमकार कुमार संदीप की यह कविता पढ़ें और अपने विचार व्यक्त कीजिए। आँखों में…

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माँ की परछाईं

सभी को यह एहसास होता है कि कोई तो कि उसकी माँ उसके साथ है। कभी-कभी माँ से दूर होने पर उनकी यादें/बातें परछाई बनकर हमारे संग रहती है। कलमकार साक्षी सांकृत्यायन की यह पंक्तियाँ आपको माँ की महानता वयक्त…

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हे भोलेशंकर

महाशिवरात्रि महोत्सव पर कुमार संदीप की लिखी हुई एक शिव वंदना पढें। सबका कल्याण करें भोले नाथ- यही हमारी मनोकामना है। हे, भोलेशंकर! आप तो सभी का कल्याण करते हैं न तो हे, भोलेशंकर! दीन दुखियों को दिन भर क्योंं…

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चलो गुनगुनाएं, कोई गीत गाएं

जीवन के उथल-पुथल में हम बहुत सारी तकलीफें सहते हैं, लेकिन हंसी खुशी हर पल आगे बढ़ते रहते हैं। कवि मुकेश अमन लिखते हैं कि दिलों के बीच की दूरियां मिटाकर हमें खुशी के गीत गुनगुनाना चाहिए। चलो गुनगुनाएं, कोई…

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दूर नहीं होती

बहुत सारी ऐसी जोड़ियाँ हैं जो एक दूसरे के बिना अधूरी हैं। कलमकार कन्हैया लाल गुप्त जी ने कुछ जोड़ियों का वर्णन अपनी कविता में किया है। फूल से शबनम जुदा नहीं होती। आकाश से तारें गुम नहीं होते। जल…

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नदियाँ

नदियों का हमारे विकास में बहुत योगदान है। प्राचीन काल से ये हमारी संस्कृति और समृद्धि की परिचायक रहीं हैं। नदियों का संरक्षण हमारी जवाबदेही है। आओ हम कलमकार मुकेश ऋषि वर्मा के विचार इस कविता में जानें। सृष्टि का…

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प्रेम

प्रेम बहुत सरल है किंतु इसे समझ पाना मुश्किल है। प्रेम क्या है? इसके कई रूप रंगों का उल्लेख कलमकार रजनी ने अपनी इस कविता में किया है। अगर प्रेम होता केवलआलिंगन, स्पर्श या चुंबन तो प्रेम के लिए कविताएं…

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महाकाल

महाशिवरात्रि महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ। महाकाल- कलमकार राजीव डोगरा की यह कविता पढ़ें। काल हूँ महाकाल हूँ अनंत का विस्तार। रुद्र का भी अवतार भाव से करता भक्तों को भव पार हूँ। न दिखे सत्य तो संपूर्ण संसार का करता…

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प्यार

प्यार की नई परिभाषा बता रहे हैं कलमकार मनन तिवारी। हर इंसान का प्रेम के प्रति अपना अलग-अलग नजरिया होता है, किंतु सबका सार एक ही है। प्यार शायरी की तलम है। प्यार ख्वाबो से चलती कलम है। प्यार आँखो…

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कुमुदिनी बसंत

बसंत ऋतु का वर्णन कलमकार इमरान संभलशाही अपने शब्दों में कुछ इस तरह करते हैं। संध्या सुंदरीअपने आगोश में लेबस सुता देना चाहती हैवृक्ष की शाखाओं तलेकुमुदिनी वसंत कोऔर टहनियों की भीनी खुशबू संगअरुण वक्ष की श्वेत कणिकाधार पा दुहिताकरुणामयी…

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रुख़-ए-रौशन

किसी की खूबसूरती, मुख के तेज की प्रशंसा में आप कितनी मिशालें देंगे। उसकी बनावट, रंग-रूप असली हैं और उन्हें वयक्त करने में आपके पास शब्द कम पड़ जाएंगे। कलमकार रज़ा इलाही ने चंद पंक्तियाँ पेश की हैं जो खूबसूरती…

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ऋतुराज बसंत

बसंत ऋतु बड़ी मनमोहक होती है, इसे ऋतुराज भी कहा जाता है। चारों ओर हरियाली पसरी होती है जो सभी का हृदय जीत लेती है। कलमकार चुन्नीलाल ठाकुर की कविता पढ़ें जो बसंत ऋतु की कई विशेषताओं का वर्णन करती…

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जन्मों का रिश्ता

दोस्ती का रिश्ता बहुत ही प्यारा होता है, आप अपने दोस्त चुन सकते हैं किन्तु पारिवारिक रिश्ते बने बनाए मिलते हैं। कलमकार अनुभव मिश्रा चहीते यारों को यह पंक्तियाँ समर्पित करते हैं। बेशक दोस्तों की बदौलत ही खुशनुमा ये जहान…

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अकेलापन

जब आप अकेला महसूस कर रहें हो तो सोचिए कि ईश्वर संग है और आप अकेले नहीं हो। कलमकार राजीव डोगरा की यह कविता अकेलापन दूर करने में सहायक है। अकेलापन बहुत अकेला हूं वीरान हूं और तन्हा हूँ। मगर…

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अजेय योद्धा शिवाजी महाराज

भारत वर्ष की शौर्यभूमि में अनेक सिद्ध पुरुष व अजेय महायोद्धाओं ने जन्म लिया। जिन्होंने अपने पीछे स्वर्णिम इतिहास अंकित किया ताकि आने वाले हर भारतीय के दिलों में राष्ट्रभक्ति हमेशा जाग्रत रहे। भारत के गौरव अजेय योद्धा छत्रपति शिवाजी…

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फेसबुक का दौर

फेसबुक आजकल लोगों की चौपाल बन गया है। यहां पर कई लोग अनेक अप्रिय गतिविधियों को भी अंजाम देने में नहीं कतराते। कलमकार मनकेश्वर भट्ट ने इस कविता में कुछ प्रसंगों का उल्लेख किया है। फेसबुक का दौर चल रहा…

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कूड़ा कचरा

साफ सफाई बनाए रखना हमारे स्वयं के लिए ही बहुत फलदायी सिद्ध होता है, इससे स्वास्थ्य और परिसर दोनों ही सुंदर रहते हैं। कलमकार खेम चन्द ने स्वच्छता पर जोर देते हुए अपना संदेश इस कविता में दिया है। ये…

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