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समय प्रबंधन सफलता की कुंजी

“समय बड़ा ही बलवान है”, जी हाँ, मनुष्य जीवन में समय सबसे अधिक मूल्यवान हैं। एक कहावत है कि बिगड़ा स्वास्थ्य, खर्च हुआ धन तथा रूठा हुआ मित्र तो वापिस मिल सकता है मगर जो समय निकल चुका हैं जिसका हम सही उपयोग नहीं कर पाए है वह लौटकर कभी वापिस आता हैं। समय की सुई सभी के लिए समान चलती हैं। वह छोटे बड़े में भेद नहीं करती न ही किसी का इन्तजार करती हैं। जो समय की कद्र नहीं करता हैं। समय भी उसकी कद्र कभी नहीं करेगा। अलग-अलग क्षेत्रों बड़ी विभूतियाँ जिन्हें आज हम महापुरुष मानते है उन्होंने अपने जीवन के एक-एक पल का सही उपयोग किया, तभी आज दुनिया उनके कर्मों को जानती हैं। हर कार्य समय पर किया जाए तो कोई भी कार्य असम्भव नहीं ता हैं। हिंदी के महान कवि कबीरदास जी ने लिखा हैं, “कल करे सो आज कर, आज करे सो अब’ इससे समय के महत्व को आसानी से समझा जा सकता हैं।

विद्यार्थी हो या प्रोफेसर, मजदूर हो या नेता सभी के जीवन में समय का बहुत बड़ा महत्व हैं. बीता हुआ समय कभी वापिस नहीं आता हैं ।हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद ने कहा था कि “ऐसी कोई घड़ी बन ही नहीं सकती जो बीता हुआ समय लौटा दे” ।अर्थात जीवन के हर पल का सदुपयोग करना, जो कुछ आप आज अर्जित करते हैं, वही आपकी नीव को मजबूत करता हैं. बच्चे को जन्म से ही समय के सदुपयोग की शिक्षा दी जाए तो वह अपने जीवन को सही दिशा की ओर ले जाएगा. यदि वह समय के महत्व से परिचित नहीं है तो अपना जीवन फिजूलखर्ची की बातों में ही व्यर्थ कर देगा. कोशिश करे कभी निकम्मे न बैठे रहे. हर एक सेकंड का सदुपयोग करे तो निश्चय ही जीवन में सफलता आपके कदम चूमेगी.

मेरा स्पस्ट तौर पे ऐसा मानना एवं अनुभव है की समय प्रबंधन के लिए हमे एक आसान फार्मूला बना कर उसका अनुपलन करना चाहिए इस दिशा में हम 5-3-1 फार्मूला का उपयोग कर सकते हैं, आइये समझे ये है क्या …?

हमे अपने कार्यो में से हर दिन 5 छोटे, 3 मीडियम एवं 1बड़े काम को अपनी दैनिक सूची में रखनी होगी, जिसको हर हाल में पूरा करना ही है। अगर आप भी अपने समय को सही तरह से मैनेज करना चाहते हैं तो आपको हमेशा कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइये जानते हैं इन ख़ास बातों के बारे में:

  • हर नए दिन की आरम्भ में ही दिन भर का “टू डू लिस्ट” बनाइए और इसी के अनुसार अपने काम कीजिये । जब तक आपको पता नहीं होगा कि आप दिन भर में क्या-क्या करने वाले हैं तबतक बस दिन ही गुजरता जाएगा लेकिन आप एक काम भी ठीक से नहीं कर पाएंगे । इसलिए दिन की शुरुआत में ही तय कर लें कि आज दिन भर में आपको क्या-क्या काम करने हैं।
  • जरुरत के हिसाब से काम की प्राथमिकतायें तय कीजिये। जब तक आपका माइंड क्लियर नहीं होगा कि कौन-सा काम पहले करना है और कौन-सा बाद में तो आप उलझन में ही रहेंगे। प्राथमिकतायें तय करने से आपको एक्शन लेने में परेशानी नहीं होगी।
  • हर दिन का एक ख़ास समय खुद के लिए जरूर बचायें। ताकि आप अपने चाहने वालों को भी समय दे सकें।
  • मोटिवेशनल, क्रिएटिव, या चाल्लेंजिंग वर्क को सबसे पहले करें।
  • अपने काम को भरोसेमंद लोगों के साथ शेयर करें ताकि काम बंट सके और पूरा प्रेशर आप पर ही न हो।
  • ई-मेल्स/व्हाट्सऐप को एक निश्चित समय बनाकर, सुबह या रात में ही चेक करें ताकि आपका माइंड डिस्टर्ब या डाइवर्ट न हो सके।
  • आउटडोर मीटिंग या कहीं बाहर जाने की प्लानिंग एक दिन पहले ही कर लें।
  • कोशिश करें कि सुबह अपने फ़ोन से दूर ही रहें, ताकि आपका दिमाग शांत हो और पूरे दिन अच्छे से काम कर सकें।
  • हर चीज को लेकर उत्तजित होने से हमेशा बचें। छोटी-छोटी बातों पर शिकायत मत कीजिए। पार्टनर के साथ झगड़ने से बचिए। ऐसा न हो कि पूरा दिन आप किसी को रूठने-मनाने में ही निकाल दें, जो जरूरी काम है उसी पर फोकस करें।
  • व्यावसायिक और निजी फ़ोन नम्बर अलग-अलग रखें।
  • काम के वक़्त में सोशल मीडिया से दूर रहें।
  • ऑफिस से ज्यादा दूर मत रहें, पास में ही घर लें।
  • गैरलाभकारी कार्यों में खुद को व्यस्त न रखें।
  • अपने टीम मेम्बर्स को हमेशा मोटिवेट करते रहें, उन्हें टाइम मैनजमेंट और अनुशासन के बारे में बताते रहें।
  • अपने टीम को पिछले दिन से ज्यादा और अच्छा रिजल्ट देने के लिए प्रेरित करते रहें।
  • कुछ ऐसा तकनीक बनाएं जिसमें आपको पता लग सके कि हर कोई अपनी कार्य सही से कर रहा है।
  • अपने बिज़नेस या काम को किस तरह से और आगे बढ़ाया जाए इसके बारे में अपने टीम से डिसकस करते रहें।
  • हर काम सही टाइम पर हो रहा है कि नहीं इसका पता लगाने के लिए निरंतर फॉलोअप भी करते रहें।

सारांश:

“समय सम्पति हैं”! जब भी आप सुबह उठते है तो आपके पर्स में बिना कुछ किये 24 घंटे यूँ ही पड़े मिलते है। ये वो 24 घंटे है जो न कोई आपसे चुरा सकता है, न कोई छीन सकता है और ना ही इसे बढ़ा सकता है। ये आपके है, अब आप इसे इस्तेमाल करें या न करें, आपको सजा देने वाला कोई नहीं है। आपसे कोई नहीं पूछेगा की आपने 24 घंटों का क्या किया। ये आपकी ज़िन्दगी है, आपके 24 घंटे या तो जी लें या इन 24 घंटों को निचोड़ लें। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति के पास एक दिन में 24 घंटे का ही समय है लेकिन कुछ लोग पूरे दिन व्यस्त रहने के बाद भी अपने काम पूरे नहीं कर पाते हैं और कुछ लोग इसी समय में सफलता के शिखर पर पहुंच जाते हैं। याद रखिये यदि आप हमेशा कहते हो कि आप व्यस्त हो तो, असल में आप व्यस्त नहीं, अस्त–व्यस्त हो!

“जीवन का हर क्षण एक उज्ज्वल भविष्य की सम्भावना लेकर आता हैं.यदि हमें जीवन से प्रेम हैं, तो यही उचित हैं कि समय को व्यर्थ नष्ट न करे बल्कि सदुपयोग करें!”

~ लेखक: प्रोफेसर नयन रंजन सिन्हा
मैनेजमेंट गुरु, पटना

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