न्यू ईयर मनाना है

न्यू ईयर मनाना है

वेलकम न्यू ईयर
हर-पल, हर-घड़ी शुभ होती है। यह तो केवल हमारी सोच है जो कभी बुरा सोचकर गलत कदम उठाने के लिए उकसाया करती है। यदि नीयत साफ हो तो कभी कोई पाप या दुष्कर्म घटित ही न हो। डॉ. कन्हैया लाल गुप्त जी नववर्ष के अवसर पर हम सभी को साफ नीयत रखने का संदेश देते हैं।

वेलकम न्यू ईयर, वेलकम न्यू ईयर मनाना है।
आप आओं बीते वर्ष की बड़ी गर्दिशें मिटाना है।
जख्म है हरा भरा, मरहम प्यार का लगाना है।
बहुत सारे काम बाकी रह गए उन्हें इस वर्ष निपटाना है।

प्रेमिका रूठी है, उन्हें प्यार, इजहार, मनुहार से मनाना है।
बुजुर्गों को इज्जत, छोटों को प्यार जतलाना है।
वेलकम न्यू ईयर, वेलकम न्यू ईयर मनाना है।

मित्रों से दिल भर बात ना हो पायी,
इसका भी कसर इस साल मिटाना है।
अब न रहे कोई शिकवा- शिकायत,
इस तरह से रिश्ता निभाना है।
वेलकम न्यू ईयर, वेलकम न्यू ईयर मनाना है।

प्रकृति की भी बेरूखी इस वर्ष मिटाएगी,
प्रकृति के आँगन में नये पौधे लगाएंगे।
प्रकृति के आँचल को हरा भरा बनाएंगे।
नदियों में इस वर्ष प्यार का नीर होगा।
पर्वतों पे बादलों का स्नेह का निर्झर होगा।
अब न कोई रीता और न बेघर होगा।

वेलकम न्यू ईयर, वेलकम न्यू ईयर मनाना है।
समाज से भेदभाव, कुरीतियों को मिटाना है।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई आपस में भाईचारा है।
जो तोड़ने आये इस बंधन को वो पापी ही नहीं हत्यारा है।
इस वर्ष ऐसी राजनीति को देश से हटाना है।
वेलकम न्यू ईयर, वेलकम न्यू ईयर मनाना है।

गरीबी, मँहगाई, हत्या, आतंकवाद, भ्रष्टाचार मिटाना है।
देश से ऐसे कानून बनाना है कि हमारी चिडियाँ उडान भर सके।
फिर से न देश पर ये प्रियंका रेड्डी, निर्भया का कलंक लग सके।
हर बेरोजगार को रोजगार अब दिलाना है।
हर घर में ज्ञान की ज्योति ये जलाना है।
वेलकम न्यू ईयर, वेलकम न्यू ईयर मनाना है।

गरीबों, मजलूमों को अधिकार ये दिलाना है।
रोटी कपड़ा मकान ही नहीं शिक्षा,
सुरक्षा का अधिकार दिलाना है।
धर्म जाति पर रोटी सेकने वालों को सबक ये सिखाना है।
ये देश उनके बाप की जागीर नहीं ये बात उन्हें समझाना है।
वेलकम न्यू ईयर, वेलकम न्यू ईयर मनाना है।

~ डॉ. कन्हैया लाल गुप्त

हिन्दी बोल इंडिया के फेसबुक पेज़ पर भी कलमकार की इस प्रस्तुति को पोस्ट किया गया है।
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