दिन पर दिन बीत गए

दिन पर दिन बीत गए

दिन पर दिन बीत गए,
कई खुशियों से भरे थे।
कई गम के साये थे,
कई सुख-दुःख के संगम।
हर दिन अपनी अलग छाप बना गए,
.. दिन पर दिन बीत गए।

आज के दिन खड़े होकर,
उन सभी दिनों को निहारता हूँ।
कभी उस दिन की याद आती है,
कभी वह दिन याद आता है।
सभी झलक अपनी नज़रों में मेरी छोड़ गए,
.. दिन पर दिन बीत गए।

कभी सोचकर मन प्रसन्न होता है,
कुछ तो हासिल किया बीते दिनों में।
कभी मन खिन्न सा हो उठता है,
इतने दिन बीत गए और कुछ प्राप्त न कर सके।
.. दिन पर दिन बीत गए।

कुछ ग्लानि तो मन में होती है,
सदुपयोग न कर सके समय का।
मंजिल करीब आकर दूर हो चली,
पिछले दिनों की गलतियों से।
आज सोचकर ही अश्क गिर गए।
.. दिन पर दिन बीत गए।

Leave a Reply