मैं समय हूं

मैं समय हूं

समय बड़ा बलवान होता है, यह सतत प्रगतिशील होकर अपने साथ चलनेवाले लोगों का हमसफर बन उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाता है। कलमकार राजीव डोगरा जी समय की कुछ बातें अपनी इस कविता में बता रहे हैं, आप भी पढें।

मैं समय हूँ
फिर लौट कर आऊंगा
सब गमों को चीरकर
और ख़ामोशी से सबको
चुप करवा जाऊंगा।

मैं समय हूं
सब जानता हूं
इसीलिए घबराता नहीं
चुपचाप सुनता हूं
किसी को सुनाता नहीं।

मैं समय हूं
बीत कर भी मैं
फिर वापस भी आ जाता हूं
और जब आता हूं
तो सब कुछ
अच्छा बुरा दिखा जाता हूं।

मैं समय हूं
कभी रुकता नहीं
थकता भी नहीं
फिर भी सब कुछ
बदल देता हूं
अपने आगोश में।

~ राजीव डोगरा

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