वर्ष 2021- स्वागत है

वर्ष 2021- स्वागत है

१. नया वर्ष और हमारा संकल्प ~ इरफ़ान आब्दी मांटवी

समझ में ये नहीं आता
जो पिछला वर्ष गुज़रा है
बधाई इसकी भी दी थी
मगर अफसोस होता है
कभी ये भी नया वर्ष था
परेशानी परेशां थी
दुखों की आप बीती थी
सड़क सुनसान दिखती थी
चमन बेज़ार रहता था
सभी अफसोस के मारे
भिगाए नैन रहते थे
चलो जो होगया छोड़ो
सबक इस साल से लेलें
करोना वाइरस से हम
सबक लेकर शपथ लेलें
भ्रष्ट्राचार, महगाई
बेहाली अर्थव्यास्था की
है ये भी एक वायरस तो
जो सदियों से है मेरे साथ
इसे हम कब मिटाएंगे
चलो संकल्प लेते हैं
ए हिन्दू और मुसलमां हम
मिलाकर हाथ बढ़ते हैं
सही राहों पे चलते हैं
मरे तो देश की खातिर
जिये तो साथ जीते हैं
चलो संकल्प लेते हैं
चलो वादा निभाते हैं
नया है वर्ष नया है साल
रहे जीवन सदा खुश हाल
नहीं देखो कभी पीछे
भविष्य की करो चर्चा
बनाएं देश को अच्छा
करेंगे देश की रछा
इसे हम साफ रखेंगे
ये धरती थी कभी सोना
इसे सोना बनाएं फिर
इसे अच्छा बनाएं फिर
करें आदर वतन की हम
सहें हंस कर सभी हम गम
परेशानी से मत डरना
परेशा होके मत जीना
हर एक वायरस से लड़ना है
गरीबी को मिटाना है
सभी से प्रेम करना है
नई मंज़िल पे चलना है
सही रस्ता दिखाना है
हमें संकल्प लेना है
हमें अब साथ रहना है


२. तुझको न भूल पाएंगे ~ अजय बाबू मौर्य ‘आवारा’

ऐ विदा लेते हुए साल
तेरे जैसे न हम सताएंगे,
याद रखना नहीं चाहते
लेकिन भूल न पाएंगे।

स्वागत तूने खूब कराया
दो महीने बाद सताया,
पूरे विश्व में किया अंधेरा
लाशों का फिर ढेर लगाया।

आगे तुझसे हम ही रहेंगे
तुझको पीछे छोड़ जाएंगे,
याद रखना नहीं चाहते
लेकिन भूल न पाएंगे।

मचा के जग में उथल-पुथल
अजब सा फिर जाल बिछाया,
एक जरा से जीवाणु से
भयानक कोहराम मचाया।

हर मर्ज का तोड़ निकाला
इसकी भी दवा बनाएंगे,
याद रखना नहीं चाहते
लेकिन भूल न पाएंगे।

उम्मीदों के साथ जाएंगे
नए का स्वागत गान गाएंगे,
जीवट हैं न हारेंगे हम
संघर्षों में निखर आएंगे।

तकलीफें साथ ले जाना
तभी चैन से रह पाएंगे,
याद रखना नहीं चाहते
लेकिन भूल न पाएंगे।


३. नूतन वर्ष स्वागत है तेरा ~ मधु शुभम पाण्डे

नूतन वर्ष स्वागत है तेरा
नई तरंगे, नई उमंगे, नई सुबह फिर आयी है।
नए वर्ष के स्वागत में, फिर से खुशियां छायी है।।
नई सुबह को है कोटि नमन मेरा।।
नूतन वर्ष आजा, स्वागत है तेरा।।

धरती पर समृद्धि हो, हर चेहरा मुस्कुरायेगा।
भर जाएंगे घाव सभी, नव वर्ष खुशियां लाएगा।।
द्वेष भी मिट जाए, प्रेम का हो घेरा।।
नूतन वर्ष आजा, स्वागत है तेरा।।

नई सोच जगे,नई दिशा मिले नई आशाओं का हो आगमन।।
नया साल हो मंगलमय , पुलकित हो सबका ही मन।।
अब न हो परेशान ये देश मेरा।।
नूतन वर्ष आजा, स्वागत है तेरा।।

अपनों का साथ मजबूत कर, एक नई शुरुआत करना है।।
गर रूठा है कोई तुमसे, तुमको बात करना है।।
नई आशाओं ने डाल लिया डेरा।।
नूतन वर्ष आजा, स्वागत है तेरा।।

नए साल में गिले शिकवे मिटाकर आना है।।
एकता में रहकर हमें अब देश बचाना है।।
संस्कृति बचाने का अवसर है सुनहरा।
नूतन वर्ष आजा, स्वागत है तेरा।।

मांग लेना माफ़ी किसी को माफ कर देना।
भूल कर उसकी बुराई,दिल साफ कर लेना।।
ये राष्ट्र सारा बने, परिवार मेरा
नूतन वर्ष आजा, स्वागत है तेरा।।


४. कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष ~ आलोक कौशिक

शिक्षा से रहे ना कोई वंचित
संग सभी के व्यवहार उचित
रहे ना किसी से कोई कर्ष
कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष

भले भरत को दिलवा दो सिंहासन
किंतु राम भी वन ना जायें सीता संग
सबको समान समझो सहर्ष
कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष

मिलें पुत्रियों को उनके अधिकार
पर ना हों पुत्रवधुओं पर अत्याचार
ईर्ष्या रहित हो हर संघर्ष
कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष

मनुष्य महान होता कर्मों से
देश श्रेष्ठ होता हर धर्मों से
हो सदैव भारत का उत्कर्ष
कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष


५. नया यह साल आया है ~ वन्दना सिंह

हृदय में प्रेम भर जाना
बागों में फूल खिल जाना
नया यह साल आया है
कोई गम तुम न अब लाना।
बड़े ही उलझन में गुजरी
जो बीती साल अबकी
अब ऐसी हलचल
इस बार मत लाना।
सुरज की किरण सुनहरी हो
धूप जरा और गहरी हो
सपने संजोये जो हमने
उसे तुम पूरा कर जाना
नया यह साल आया है
बागों में फूल खिल जाना।
अंधेरी घोर निराशा का
तुम रात मत लाना
ओठों पे मुस्कान लाना
सुन्दर आभास तुम लाना
नया यह साल आया है
बागों में फूल खिल जाना।


६. नए साल की शुरुआत ~ ऋचा प्रकाश

नए साल की शुरुआत है,
खुशियों की सौगात है,
कुछ अधूरे ख्वाहिशें,
मिलने की आगाज है|

जीवन के नए सफर में,
कुछ पाने की,
कुछ मिलने की,
कुछ चाहत की,
आस है|

पिछले साल जैसा,
फिर कोई साल ना आये,
कोरोना महामारी जैसा,
कोई जंजाल न आये|

अब गम के बादल छटे,
सबके जीवन में खुशियों की बरसात आये,
नयी उमंग की तरंगे हो,
हर्षोल्लास से भारी हो,
है यह नए साल की शुरुआत,
लेकर आपार खुशियाँ लाये


७. नया साल ~ डॉ आनन्द किशोर

पुराना साल बीता अब नया आने ही वाला है
नये रस्ते नई मंज़िल ये दिखलाने ही वाला है

रखें हैं दीप चौखट पर जलाकर इसके स्वागत में
सभी के घर में ये ख़ुशियाँ नई लाने ही वाला है

नई उम्मीद रखकर दिल में चलना है हमें बेशक़
नई इक और बुलन्दी पर ये पहुँचाने ही वाला है

अँधेरा किस्मतों में अब नहीं होगा किसी की भी
मुक़द्दर के सितारे को ये चमकाने ही वाला है

अभी बाक़ी हैं कुछ घड़ियां पुराने साल की ‘आनन्द’
मुहब्बत की हर इक लम्हा ग़ज़ल गाने ही वाला है


८. नया साल का शोर ~ रवि शंकर साह

नया साल आ रहा है।
नया साल आ रहा है।
हर तरफ यह शोर है।
बच्चों और युवाओं में
इसका बड़ा जोर है।
नए साल के आगमन का
आहट अब हर ओर है।
नया साल जब आता है।
अमीरों को सौगात देता है।
गरीब का मजाक उड़ाता है।
गरीबों के तन पर न कपड़े है।
न खाने को माड़- भात है।
एक एक दाने का मोहताज है।
सोने के लिए वही टूटी खाट है
तो, घर के नाम फुटपाथ है ।
छत के जगह खुला आकाश है।
न जाने कब वह साल आएगा ।
गरीबी का नाम मिट जाएगा।
न होगा कोई भूखा और नंगा
जाति धर्म के नाम, यहां पर
नही होगा कहीं कोई दंगा।
सब होगा खुशहाल इस जग में।
जाने कब वह नया साल आएगा।


९. नववर्ष का शुभ दिन ~ चन्दू कन्नौजिया

आज नववर्ष का शुभ दिन आया,
जग उपवन को फिर से महकाया ,
नित नयी रोशनी लाता है सूरज,
आज संग में खुशियां भी लाया।

जन-जन भी आज हर्षित हैं,
करते शुभकामनाएं अर्पित हैं,
भूलकर सब बैर की भावना,
करते दूजे को प्रेम समर्पित हैं।

एक-दूसरे को दे रहें उपहार,
दे रहें आशीष और खूब दुलार,
चेहरे पर छायी है गजब की रौनक,
सब लुटा रहें हैं आज अथाह प्यार।

मैं भी दे रहा हूँ स्नेहिल शुभकामना,
हर दिन का सफर गुज़रे सुहाना,
आज प्रभु से करता हूँ इतनी सी विनती,
जीवन में दुःख कभी आये ना ।

चहुँदिश खुशियाँ लाये ये वर्ष,
हर पल बीते जैसे बीते कोई पर्व,
सब कामयाबी को हासिल करें,
सब निरोगी तन-मन से पायें हर्ष।


१०. नव वर्ष का आगाज़ ~ मंजू चौधरी

नव वर्ष का आगाज़ है,
मन में उमंग की परवाज़ है।
जाते वर्ष को अलविदा कहना भी,
थोड़ा-सा मुश्किल काम है।
बीत जाने वाले इस समय का,
अवलोकन करने का आया विचार है।

जब उठाई डायरी तो उसके पन्नों को भरा पाया,
कुछ पन्नों में खुशियों के तराने लिखे थे,
तो कुछ में पन्नों में अश्रुओं से भीगे अफ़साने उकेरे हैं,
कुछ में अपनों की जुदाई का दर्द है,
तो कुछ में नए रिश्तों से जुड़ने का हर्ष है।

कुछ में छोटी-छोटी सफलताओं का उल्लास है,
तो कुछ में असफलताओं से पनपी असंतुष्टि का भाव है।
इसी बीच देखा एक आखिरी पन्ना जो कोरा साफ़ है,
जिसमें अलविदा लिखना मेरा विचार है।

अलविदा ली मैंने,
कुछ नुकसानदेय आदतों से,
कुछ दर्द भरी यादों से।
बीतते वर्ष से सीख़ ले,
उसके पन्नों को संजोया पाया,
अनुभव के रूप में।
अब देखा नववर्ष खड़ा मेरे द्वार है,
उमंग उत्साह से स्वागत करती,
मन में दृढ़ संकल्प की आवाज़ है।
इस कोरी डायरी में,
इस बार लिखना कुछ ख़ास है,
लिखना कुछ ख़ास है।


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SWARACHIT2250Cनया वर्ष और हमारा संकल्प
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SWARACHIT2250Eनूतन वर्ष स्वागत है तेरा
20THU00951कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष
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SWARACHIT2250Gनए साल की शुरुआत
SWARACHIT2250Hनया साल
20WED00947नया साल का शोर
SWARACHIT2250Iनववर्ष का शुभ दिन
SWARACHIT2250Jनव वर्ष का आगाज़

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