अकादमी पुरस्‍कार से सम्मानित १० हिन्दी उपन्यास [१९५५-१९९५]

अकादमी पुरस्‍कार से सम्मानित १० हिन्दी उपन्यास [१९५५-१९९५]

पहली बार साहित्य अकादमी पुरस्कार पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए और इसके बाद ४० वर्षों में केवल १० हिन्दी उपन्यासकारों को ही इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। राग दरबारी, तमस, मेरी तेरी उसकी बात, नीला चाँद, अर्द्धनारीश्वर, ढाई घर, ज़िन्दगीनामा, भूले बिसरे चित्र, अमृत और विष, मुक्तिबोध नामक उपन्यास शीर्षक को इस श्रेष्ठतम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

  • १] अर्द्धनारीश्वर (१९९३) विष्णु प्रभाकर
    सन् १९९३ में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित उपन्यास अर्द्धनारीश्वर हिन्दी के विख्यात साहित्यकार विष्णु प्रभाकर द्वारा लिखा गया है। सन् २००४ में भारत सरकार ने भीष्म साहनी को पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया था।
  • २] ढाई घर(१९९२) गिरिराज किशोर
    विख्यात साहित्यकार गिरिराज किशोर द्वारा रचित एक उपन्यास है ढाई घर जिसे सन् 1992 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • ३] नीला चाँद (१९९०) शिव प्रसाद सिंह
    नीला चाँद हिन्दी के विख्यात साहित्यकार शिवप्रसाद सिंह द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1990 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • ४] ज़िन्दगीनामा – ज़िन्दा रुख़ (१९८०) कृष्णा सोबती
    कृष्णा सोबती द्वारा रचित इस उपन्यास को सन् १९८० में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसमें पंजाब के किसानों-ग्रामीणों के जीवन का चित्रण किया गया है।
  • ५] मेरी तेरी उसकी बात (१९७६)
    विख्यात साहित्यकार यशपाल द्वारा रचित “मेरी तेरी उसकी बात” हिंदी उपन्यास की पृष्ठभूमि अगस्त १९४२ का ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का विस्फोट है। इस उपन्यास के लिए उन्हें सन् १९७६ में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यशपाल जी को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन् १९७० में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है.
  • ६] तमस (१९७५)
    यह एक कालजयी कृति है जिसे भीष्म साहनी ने लिखा और इसका प्रकाशन १९७३ में हुआ था। तमस को १९७५ में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इस उपन्यास पर १९८६ में गोविंद निहलानी ने दूरदर्शन धारावाहिक तथा एक फ़िल्म भी बनाई थी। सन् १९९८ में भारत सरकार ने भीष्म साहनी को पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया था।
  • ७] राग दरबारी (१९६९)
    सन् १९६९ में राग दरबारी को साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया। इस कालजयी व्यंग्य उपन्यास को लिखने वाले मशहूर व्यंग्यकार श्रीलाल शुक्ल जी थे जो ज्ञानपीठ पुरस्कार और पद्म भूषण (२००८) से भी सम्मानित हैं।
  • ८] अमृत और विष (१९६७)
    इस उपन्यास को वर्ष १९६७ में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था; इसे सुप्रसिद्ध साहित्यकार अमृतलाल नागर जी द्वारा लिखा गया है। अमृतलाल नागर को भारत सरकार द्वारा १९८१ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
  • ९] मुक्तिबोध (१९६६)
    जैनेन्द्र कुमार द्वारा रचित इस उपन्यास को सन् १९६६ साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जैनेन्द्र कुमार को भारत सरकार द्वारा सन १९७१ में पद्म भूषण सम्मान प्रदान किया गया था।
  • १०] भूले बिसरे चित्र (१९६१)
    वर्ष १९६१ में इस उपन्यास को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह उपन्यास हिन्दी साहित्य के विख्यात लेखक भगवतीचरण वर्मा जी ने लिखा है। भगवतीचरण वर्मा को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७१ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

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