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वो मेरा जन्मदिन- शिवम झा (भारद्वाज)

दादी के स्वर्गवास को 8 साल हो गए पापा दादी की आठवीं बरसी करने गांव गए थे बरसी को बीते 2 हफ्ते हो गए किंतु पापा के लौटने का समय नहीं हुआ था जमीन के किसी कार्य को लेकर आने में देरी हो रही थी। यहां 3 दिन बाद मेरा जन्मदिन आने वाला था मैं 7 वर्ष का होने वाला था। शायद पापा मेरा जन्मदिन भूल गए थे उनके हृदय में मेरे लिए कोई नए बाकी नहीं रहेगा था मन में करुणा भाव उत्पन्न होने लगा था।

मां मेरी नर्म हृदय वाली महिला है उनसे पापा के बारे में पूछता तो कहते आ जाएंगे। अधीर सा होता चला गया 2 दिन बीत गए ना पापा का कोई अता पता और माता को भी देखने पर यही लगता था कि उन्हें भी कुछ याद नहीं है कि मेरा जन्मदिन आने वाला है। उस दिन मेरा स्कूल जाने का मन नहीं था जिद करने पर मां ने जोरदार फटकार लगा दी और मुझे रोते-रोते स्कूल जाना पड़ा स्कूल में भी मेरा मन नहीं लग रहा था अध्यापिका से भी डांट पड़ गई।

मैं आंखों में समंदर लिए चुपचाप बैठा रहा उस दिन सारी दुनिया मुझे मेरी दुश्मन लग रही थी मन में एक ही सवाल था पापा आएंगे कि नहीं। देखते-देखते दिन बीत गया सुबह सुबह मां ने उठाते हुए कहा हैप्पी बर्थडे बेटा मेरे सिर को चुम्मा और आशीर्वाद दिया मैंने फिर मां से एक ही सवाल किया कि पापा आएंगे क्या? मां ने जवाब देते हुए कहा उनकी तो वही जाने आएंगे भी या नहीं। रोज की तरह स्कूल जाने के लिए मां ने तैयार किया और जेब में ₹10 डाल दिए रहा स्कूल में टोपी बांट आना मेरे हृदय में पीड़ा वेदना का भाव ईश्वर से यही कह रहा था थोड़ा रुक कर मेरा जन्मदिन आता तो मेरे पापा भी मेरे साथ होते। मैंने उस ₹10 को जेब से निकाला तक नहीं और ना ही स्कूल में किसी से कहा कि मेरा जन्मदिन है। स्कूल से छुट्टी हुई मैं घर की तरफ चल पड़ा जैसे ही आंगन पहुंचा सन्नाटा सा लगा रोज की तरह मां दरवाजे पर नहीं थी वरना रोज मत दरवाजे पर मेरा बाट निहरती थी। आवाज भी लगाई मां को किंतु कोई जवाब ना मिला मन में बात आई क्या मां भी पापा की तरह चली गई? मैं चौबारे पर बैठकर रोने लगा!

कुछ क्षण पश्चात पीछे से इसने गोद पर उठा कर कहा हैप्पी बर्थडे बेटा हाथों का स्पर्श जाना पहचाना लगा मुड़ कर देखा तो प्यारे पापा थे आंखों में चमक आ गई और आंसू कहां गई कुछ पता नहीं चला मां भी साथ में ही थी मेरे करुण हृदय में खुशी की लहर दौड़ गई जैसे लगा जिंदगी में मुझे सारी खुशियां मिल गई फिर बड़े धूमधाम से मां पापा ने मेरा जन्मदिन मनाया। मेरे करो ना आंखों में जो खुशी की लहर जागी वह खुशी के पल मुझे आज भी याद है।

~ शिवम झा (भारद्वाज)

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