इंतज़ार

इंतज़ार

सूनी सूनी सी यह शाम, कर रही है तेरा इंतजार।
जब से तुम गए हो, खो चुकी है यह रंगत हज़ार।।

न जाने दिन वो कब आयेंगे, जब हम होंगे एक साथ।
मिट जाएँगी दूरियां सब, होगी फिर सुहानी हर शाम।।

बिन तुम्हारे नहीं भाता एक पल, नहीं अच्छे लग रहे हैं आज और कल।
सुबह भी होती है शाम भी है गुजरती, नहीं जाती तेरी यादें एक भी पल।।

मेरी नज़रों को है तेरा इंतजार, आकर न जा तू फिर इस बार।
करने है पूरे हमे सपने हज़ार, मिलना है हमको कई – कई बार।।

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