मार्च २०२१ – अधिकतम पढ़ी गई कविताएं

MARCH-2021: 1) बेटियां ~ चाँदनी झा • 2) एहसास ~ अमित गौड़ • 3) नजर ना लगे ~ अजीत लेखवार

१) बेटियां

चाँदनी झा
कलमकार @ हिन्दी बोल India
SWARACHIT2512

हमारी बेटियां, तुम्हारी बेटियां बड़ी प्यारी, प्यारी बेटियां
बेटियां होती है सच में प्यारी, पर सब समझते इसको बेचारी।
नन्ही सी फूल कुमारी, मां-पापा की राजदुलारी,
अनोखी अनजानी खुशियां होती है बेटियां।
यह नहीं मैं कहती बेटे नहीं हमारी जान,
पर कुछ खास ही मुस्कान देती है बेटियां।
मैं भी हूं बेटी समझ पाती हूं मां-बाप का अरमान,
इसलिए मेरी बेटियां है मेरा अभिमान।
हमारी कली है ये, इससे ही महकती है, हमारी फुलवारी,
खुशियों से भरी, गम से अनजान, चांदनी सी चमकती है बेटियां।।

हम इस सच से हैं अनजान हममें ही बसी होती है, बेटियों की जान
अब जरूरत है बस उन्हें बताने की तुम ही हो हमारी शान
मैं प्यार से भी प्यारी हूं, अपनी मम्मी-पापा की राजकुमारी हूं,
ऐसी ही गान गाती है बेटियां।
शिक्षा का दान देकर, बेटी को उनका अपना नाम दे कर,
दे दो होठों पे मुस्कान
वह इस कदर करती नाम रोशन, यकीन ना हो तो
सुनीता विलियम्स, कल्पना चावला को लो जान
सिंधु, सानिया, इंदिरा जैसी होती है बेटियां।
कभी सावित्री बन यमराज से लड़ती, काली बन,
किसी से नहीं डरती, सीता की पवित्रता बताती है बेटियां।।

सिंदूर, मंगलसूत्र सजाती, तो अस्त्र भी उठाती है बेटियां
जग को जीवन देती है, हर गम सह लेती है,
तेरे नाम से भी जीती है, अलग ही बात बताती है बेटियां।
कल मैं बेटी थी, आज हूं माँ, आज की बेटी ही है, कल की मां
पूजो नहीं सिर्फ दशहरे में, हर पल समझो इनका मान
निर्भया ना बनने दो, रहने दो इनका गुमान,
क्योंकि कोमल सी, सुकुमारी सी, होती है इनकी जान
फूलों सी लाडली, न जाने कब बन जाएगी तूफान।
इसलिए आओ प्यार करें,
और बताएं कितनी न्यारी-न्यारी होती है बेटियां।।

मेरे जैसी, इसके जैसी, उसके जैसी, नाजुक सी, कभी-कभी पत्थर सी,
कभी अंगारों सी, परिवार की कड़ी को जोड़ती है बेटियां।
कभी हक के लिए लड़ती, कभी जान तक दे जाती है बेटियाँ।।
मेरी प्यारी बेटियां…

२) एहसास

अमित गौड़
कलमकार @ हिन्दी बोल India
SWARACHIT2622

तुम मेरे पास नहीं, फिर भी तेरी आस है,
दूर ही सही, फिर भी तेरे साथ है।

क्या है यह रिश्ता हमारा
जो तुम याद नहीं करते,
और मैं तुझे भूल नहीं पाता।

वह यादें वह बातें
जैसे अभी की बात हो,
तेरा हंसना मुस्कुराना
जैसे फूलों की निखार हो।

अबोध थे हम नादान थे हम,
कब क्या हुआ इससे अनजान थे हम।

तेरा यूं दूर होना गंवारा तो नहीं,
फिर भी तुझसे दूर है हम,

तुम मेरे पास नहीं फिर भी तेरी आस है
दूर ही सही फिर भी तेरे साथ है।

३) नजर ना लगे

अजीत लेखवार
कलमकार @ हिन्दी बोल India
SWARACHIT2521

उतर आए हैं चेहरे पर सौ आफ़तब
नूर ऐसा की नजर लगाए तुझे नजर ना लगे

धरे हैं जबसे तूने मेरे लबों पर लब अपने
हाल ये है कि कुछ मीठा मुंह लगाए ना लगे

जां कितनी खूबसूरत हो तुम कितना दिल जू हूं मै
बलाओं की तो बात क्या है , मुझे तेरी नज़र ना लगे,तुझे मेरी नजर ना लगे

तुझ बिन सुबह कहां होती थी मेरी , देखे बीन सांझ कहां ढलती थी
दूरियां बनी रहे तो दिलासा बना रहता है , बस यार तू मुझे नजर ना लगे

तु उदास है गर बिछड़ कर मुझसे तो आ लौट आ
खुश भी है गर जुदाई से मेरी तो, मेरी जां तेरी खुशियों को मेरी नजर ना लगे

बिछड़ना मुक्कदर है हरेक मिलने वालों का इस जहां में
बिछड़ने से पहले नजर में भर लूं तुझे , फिर चाहे कभी तु मुझे नजर ना लगे ।

रहियो आबाद उन गली मोहल्लों में , तेरा वो घर जांनां आबाद रहे
खुदा माफ करे ,मेरे गम को नजर ना लगे तेरी खुशियों को नजर ना लगे

बिछड़ने का वक्त आमद है , हम भी चलते हैं खुद में
अब ऐसा है मै तुझे नजर ना लगूं तु मुझे नजर ना लगे

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