भारत की राजभाषा हिन्दी

१४ सितंबर को हर वर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में अधिकांश लोगों द्वारा हिन्दी भाषा बोली जाती है। हिन्दी के बारे में रचनाकारों ने अपने मन की बात कहने के लिए कुछ कवितायें लिखीं हैं…

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शिक्षकों को नमन

शिक्षक-गुरु चेतन दास वैष्णवकलमकार @ हिन्दी बोल India मेरी प्रथम गुरु मेरी माता हैं,वो बोलना-चलना सिखाती हैं,वो हमें संस्कार सिखाती हैं,तभी तो सौ गुरुओं के बराबर होती हैं,दूसरा गुरु मेरा शाला-शिक्षक हैं,जो जीवन के कठिन डगर परचलने की राह बताता…

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शिक्षकों के सम्मान में लिखी गईं कवितायें

शिक्षक दिवस के दिन हिन्दी कलमकारों द्वारा कुछ पंक्तियाँ गुरुजनों को समर्पित की गईं हैं। हेप्पी टीचर्स डे घनशामदास आहूजाकलमकार @ हिन्दी बोल India जिन्होंने दी शिक्षा हमें वो हैं हमारी टीचर,जीवन में गुरु का स्थान होता सबसे ऊपर। उनके…

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सितंबर ५ – शिक्षक दिवस

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिन्दी कलमकारों ने अपनी कुछ पंक्तियाँ शिक्षकों को समर्पित की हैं। मेरे गुरु आलोक रंजनकलमकार @ हिन्दी बोल India गर्मियों की तेज हवाओं मेंजलते देखा है…

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टीचर्स डे २०२०- सितंबर ५

शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी गुरुओं को सादर नमन। हमारा जीवन को एक नई दिशा देकर सुसंस्कृत करने का महत्त्वपूर्ण कार्य शिक्षक ही करते हैं। हिन्दी कलमकारों ने अपनी कुछ पंक्तियाँ शिक्षकों को समर्पित की हैं। शिक्षक दिवस डॉ.…

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डॉ. राजेश पुरोहित जी की दस कविताएं

१) माँ शारदे की आराधना विद्या की देवी माँ शारदे सेआराधना करता हूँ।मैं दो हाथ फैलाकरबस दुआ मांगता हूं।। मेरी कलम में ताकत दे।अल्फ़ाज़ों का खजाना दे।। मैं गरीबों का दर्द बांट सकूँ।अपनी कलम से भला कर सकूं।। जो काम…

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विजय कनौजिया की दस कविताएं

अम्बेडकर नगर से कलमकार विजय कनौजिया ने अनेक कविताएं साझा की हैं, आइए उनकी १० विशेष रचनाएँ पढ़ें। १) मुझको तो राहत हो गई है सिसकियों से आज मेरीदोस्ती सी हो गई हैअब एकाकीपन में भीरहने की आदत हो गई…

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अशोक शर्मा की दस कविताएं

रक्षा मंत्रालय से सेवानिवृत्त, साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियों में रुचि रखने वाले कलमकार अशोक कुमार शर्मा (वशिष्ठ) की दस कविताएँ हिन्दी-काव्य प्रेमियों के लिए प्रस्तुत हैं। १) मुझे कभी भूलना नहीं मान अपमान मैं भूलता नहींदंभ और घमंड से मैं कभी…

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रोहित प्रसाद पथिक की दस कविताएं

साहित्य के क्षेत्र में चार भाषाओं जैसे हिन्दी, अंग्रेजी, बंगला व उर्दू में कविताएँ व कहानियाँ लिखनेवाले कलमकार रोहित प्रसाद पथिक ने अपनी दस कविताएं आपके समक्ष प्रस्तुत की हैं। १) बारह बजे के बाद बदल जाती है दुनिया खुशियों…

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डॉ कन्हैयालाल गुप्त ‘किशन’ जी की दस कविताएं

१. रामायण सदा शुभ आचरण करना, सिखाती रोज रामायण। हमें संमार्ग पर है चलना, बताती रोज रामायण। ये भावों से भरी तो है, ये गीतों से तो गुंज्जित, यहाँ श्रीराम का मुखड़ा, ललित सुरधाम देता है। ये पावन करती पतितों…

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