नियमित कलमकारों की दस बेहतरीन रचनाएं

आलोक कौशिक की दस रचनाएँ

१) प्रकृति विध्वंसक धुँध से आच्छादितदिख रही सृष्टि सर्वत्रकिंतु होता नहीं मानव सचेतकभी प्रहार से पूर्वत्र सदियों तक रहकर मौनप्रकृति सहती अत्याचारकरके क्षमा अपकर्मों कोमानुष से करती प्यार आता जब भी पराकाष्ठा परमनुज का अभिमानदंडित करती प्रकृति तबअपराध होता दंडमान…

0 Comments

भारत की महान विभूतियों के सम्मान में स्नेहा धनोदकर रचित कविताएं

१. अटल बिहारी जी छोड़ गए वो छाप अपनी,हर मानस पटल पर,आज भीं कई ऐसे,जो फ़िदा है अटल पर युग पुरुष भारत के,थे वो भाग्य विधाता,पदम् विभूषण, परम् ज्ञानी,भारत रत्न थे दाता रहे राजनीती कें शीर्ष पर,करवा लिया परमाणु परीक्षण,कारगिल…

2 Comments

प्रीति शर्मा ‘असीम’ जी की दस कविताएं

१. ताज के सामने ताज के सामने,छाते में,दुकान सजाए बैठा है। वह एक आम आदमी है।हर किसी के,सपने को खास बनाए बैठा है। ताज के सामने,छाते में दुकान से सजाए बैठा है। तस्वीरें बनाता है ।ताज के साथ सबकी,वह सब…

0 Comments

डॉ आनन्द किशोर जी की दस कविताएं

१) विदाई वही घरजहां बचपन गुज़राबिटिया काआज सजा हुआ हैआंगन में है गहमागहमीफेरे संपन्न हो चुके हैंफूलों से सजेविवाह-मंड़प में अभी-अभीअश्रुपूरित आंखों से निहारतीकभी घर कोकभी आंगन कोकभी बाबुल कोअपने जीवन-साथी के संगलांघने जा रही हैघर की दहलीज़सधे हुये मन…

0 Comments

राजीव डोगरा ‘विमल’ जी की दस कविताएं

1) नवीन जीवन चलो चलते हैं फिर सेजीवन की तलाश मेंकिस अजनबी शहर कीअनजान राहों पर।चलो फिर से बटोरते हैंउन ख़्वाबों कोजो टूट कर बिखर गए थेकिसी अनजान शख्स कीबिखरी हुई याद में।चलो फिर सेउन दिलों कोधड़कना सिखाते हैं,जो टूट…

0 Comments

मेरी १० कविताएं~ मधुकर वनमाली

बांसुरी वनों में उगता घना हूँबेंत का कोमल तना हूँकोई जाके काट लायाआह कैसा घात पाया छील के चिकना हुआ हूँएक से कितना हुआ हूँमले मुझ पे तेल देखोमनुज का यह खेल देखो क्या हुआ जो खोखले हैंछिद्र मुझ में…

0 Comments

इमरान संभलशाही जी की दस कविताएं

१) उपकार करो या सत्कार करो उपकार करो या सत्कार करोस्नेह मुहब्बत हर बार करो हो जीवन सावन जैसारहो न जग में ऐसा वैसाबारिश की फुहार बन कररिमझिम सी हर बार मरो लहर बनो प्यार के खातिरन मन में हो…

0 Comments

डॉ. राजेश पुरोहित जी की दस कविताएं

१) माँ शारदे की आराधना विद्या की देवी माँ शारदे सेआराधना करता हूँ।मैं दो हाथ फैलाकरबस दुआ मांगता हूं।। मेरी कलम में ताकत दे।अल्फ़ाज़ों का खजाना दे।। मैं गरीबों का दर्द बांट सकूँ।अपनी कलम से भला कर सकूं।। जो काम…

0 Comments

विजय कनौजिया की दस कविताएं

अम्बेडकर नगर से कलमकार विजय कनौजिया ने अनेक कविताएं साझा की हैं, आइए उनकी १० विशेष रचनाएँ पढ़ें। १) मुझको तो राहत हो गई है सिसकियों से आज मेरीदोस्ती सी हो गई हैअब एकाकीपन में भीरहने की आदत हो गई…

0 Comments

अशोक शर्मा की दस कविताएं

रक्षा मंत्रालय से सेवानिवृत्त, साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियों में रुचि रखने वाले कलमकार अशोक कुमार शर्मा (वशिष्ठ) की दस कविताएँ हिन्दी-काव्य प्रेमियों के लिए प्रस्तुत हैं। १) मुझे कभी भूलना नहीं मान अपमान मैं भूलता नहींदंभ और घमंड से मैं कभी…

0 Comments

रोहित प्रसाद पथिक की दस कविताएं

साहित्य के क्षेत्र में चार भाषाओं जैसे हिन्दी, अंग्रेजी, बंगला व उर्दू में कविताएँ व कहानियाँ लिखनेवाले कलमकार रोहित प्रसाद पथिक ने अपनी दस कविताएं आपके समक्ष प्रस्तुत की हैं। १) बारह बजे के बाद बदल जाती है दुनिया खुशियों…

0 Comments

डॉ कन्हैयालाल गुप्त ‘किशन’ जी की दस कविताएं

१. रामायण सदा शुभ आचरण करना, सिखाती रोज रामायण। हमें संमार्ग पर है चलना, बताती रोज रामायण। ये भावों से भरी तो है, ये गीतों से तो गुंज्जित, यहाँ श्रीराम का मुखड़ा, ललित सुरधाम देता है। ये पावन करती पतितों…

0 Comments